Bihar Election 2025: लोक गायिकी की मधुर आवाज़ से करोड़ों दिल जीत चुकीं मैथिली ठाकुर अब राजनीति की अग्निपरीक्षा में उतरने जा रही हैं। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है। 23 वर्षीय मैथिली ठाकुर ने कुछ दिन पहले ही बीजेपी का दामन थामा था और अब पार्टी ने उन पर बड़ा भरोसा जताया है।
कौन हैं मैथिली ठाकुर?
मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी जिले में हुआ था। उनके पिता रमेश ठाकुर एक संगीत शिक्षक हैं। मैथिली ने दिल्ली में अपनी पढ़ाई पूरी की और बचपन से ही संगीत की साधना में रहीं। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत और लोकगीतों से देशभर में अपनी अलग पहचान बनाई। सोशल मीडिया पर भी उनके लाखों प्रशंसक हैं, जो अब उन्हें सियासी मंच पर देखने को तैयार हैं।
अलीनगर सीट का राजनीतिक समीकरण
अलीनगर विधानसभा सीट का गठन 2008 में परिसीमन के बाद हुआ था। यहां की जनसंख्या और मतदाता समीकरण इस सीट को राजनीतिक रूप से बेहद रोचक बनाते हैं।
- अनुसूचित जाति मतदाता: लगभग 12.37%
- मुस्लिम मतदाता: करीब 58,419
- अन्य प्रमुख समुदाय: ब्राह्मण और कुर्मी मतदाता, जिनकी संख्या भी निर्णायक भूमिका निभाती है।
वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 2.5 लाख से अधिक मतदाता थे। उस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार मिश्री लाल यादव ने जीत दर्ज की थी। इस बार पार्टी को उम्मीद है कि स्थानीय पहचान और लोकप्रिय छवि के कारण मैथिली ठाकुर मतदाताओं के दिलों तक पहुंचेंगी।
मैथिली का स्थानीय जुड़ाव और भाजपा की रणनीति
अलीनगर सीट से मैथिली ठाकुर का पुराना रिश्ता रहा है, क्योंकि उनका बचपन यहीं बीता है। भाजपा संगठन का मानना है कि स्थानीय जुड़ाव और युवा छवि के साथ-साथ मैथिली की लोकप्रियता पार्टी के लिए मजबूत समर्थन आधार तैयार कर सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि संगीत से राजनीति की इस यात्रा में मैथिली ठाकुर के सामने चुनौती भले बड़ी है, लेकिन उनकी सादगी और जनप्रियता उन्हें अलीनगर में एक अलग पहचान दिला सकती है।